गर इम्तेहान है
तो प्यार कहाँ...
तुम हाथ पकड़कर
छोड़ गये...
हर दर्द सहे
न आह किया...
सच ही तो है
चाहत में इम्तेहान कहाँ...
तुम ख्वाब दिखाकर
चले गये...
हमने तेरा
इन्तेजार किया ।।
©Manjari Singh
#चाहतमेंइम्तेहानकहाँ...🤐
"मेरी डायरी मेरी कविता"
@मंजरी सिंह...✍🏻