एक पड़ाव पर ख़ुद को संभालना जरूरी है, क्यूंकि हर स | हिंदी Poetry

"एक पड़ाव पर ख़ुद को संभालना जरूरी है, क्यूंकि हर सफ़र में सहारा मिलना मुमकिन नहीं... ©Harshit Tyagi"

 एक पड़ाव पर ख़ुद को संभालना जरूरी है,
क्यूंकि हर सफ़र में सहारा मिलना मुमकिन नहीं...

©Harshit Tyagi

एक पड़ाव पर ख़ुद को संभालना जरूरी है, क्यूंकि हर सफ़र में सहारा मिलना मुमकिन नहीं... ©Harshit Tyagi

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