मुझे होना चाहिए था जब,
तुम्हारे अश्र बिखर गए थे
माँ की बातें सुनाते सुनाते
मुझे होना चाहिए था जब,
तुम पिघल गए थे
अपना दर्द बताते बताते
मुझे रुकना चाहिए था जब,
तुम ठहरने को कहते रहे
मेरे वहीँ से जाते जाते
मुझे होना चाहिए था,
तुम भी तो ठहरे थे,
मेरे कहने पर, सुनते हुए
तुम हमेशा रोकते रहे मेरे जाते को,
जबकि तुम हमेशा ठहरे रहना चाहते थे
मुझे होना चाहिए था!
©Swechha S
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#7June #Hum #tum