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"सूरज उगेगा,सर पर चढ़ेगा, शाम हो ढलता रहेगा। कुछ हासिल भले न हो जिंदगी में, पर एक ख़्वाब जहन में पलता रहेगा। और मेरे दोस्त मैं सारी आदतें छोड़ सकता मुमकिन है, पर मेरा उनके गली में आना-जाना चलता रहेगा। •••कुमार आदित्य ••• , ©Kumar Aditya "
सूरज उगेगा,सर पर चढ़ेगा, शाम हो ढलता रहेगा। कुछ हासिल भले न हो जिंदगी में, पर एक ख़्वाब जहन में पलता रहेगा। और मेरे दोस्त मैं सारी आदतें छोड़ सकता मुमकिन है, पर मेरा उनके गली में आना-जाना चलता रहेगा। •••कुमार आदित्य ••• , ©Kumar Aditya
हम जिद्दी लोग
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