बाहरी उथल पुथल जब भीतरी स्थिरता को झकझोरती है तब

"बाहरी उथल पुथल जब भीतरी स्थिरता को झकझोरती है तब जाकर, कहीं कोई कविता फूटती है । #विश्व_कविता_दिवस ©Ravindra"

 बाहरी उथल पुथल 
जब भीतरी स्थिरता को झकझोरती है
तब जाकर, कहीं कोई
कविता फूटती है ।

#विश्व_कविता_दिवस

©Ravindra

बाहरी उथल पुथल जब भीतरी स्थिरता को झकझोरती है तब जाकर, कहीं कोई कविता फूटती है । #विश्व_कविता_दिवस ©Ravindra

#WorldPoetryDay

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