वक्त की ये ताकीद थी जुबां यूँ तो ख़ामोश थी लम्हें | हिंदी शायरी Video

"वक्त की ये ताकीद थी जुबां यूँ तो ख़ामोश थी लम्हें कहते थे दास्तां ज़िंदगी कुछ मायूस थी। ©हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी "

वक्त की ये ताकीद थी जुबां यूँ तो ख़ामोश थी लम्हें कहते थे दास्तां ज़िंदगी कुछ मायूस थी। ©हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी

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