यूं शाम से इन आखों में नमी सी क्यूँ है...
दिल में एक बैचेनी सी क्यूँ है..
उसकी यादों में पागल हुए बैठा हूँ...
समय बीत रहा और मैं उसकी यादें लिए बैठा हूँ..
उसकी दी हुई निशानी को अपनी शर्ट की बटन से जोड़े बैठा हूँ...
मै एक पागल उसकी इतनी इबादत किए बैठा हूँ...
उसका नाम जुबान पर आते ही आखें नमी ढूढ़ लेती है..
तस्वीर सामने आते ही तस्वीरों में हर पल की कड़ी ढूढ़ लेती है..
यूँ उसका पास आना मुझे खुद से पहले खिलाना मुझे काबु करना...
उसे बखूबी आता था... फिर कैसे उसने कहा ये रिश्ता कुछ ही दिन का था..
मेरे सीने से लिपट के रोया भी था..
ठण्ड लगने पर अपने गर्म हाथो से अपने सीने से लगा लगाया भी तो था..
क्यूँ इतना याद आता है वो शक्स जिसने मुझे रुलाया भी खूब था...
©Rv goswami
#Light pooja rani Advitiya goswami Srashti Gauri Agrawal moonchaser24 Sujata jha