आज बहुत मन था मेरा
तुमपे कविता लिखने का
वो नई नई दिखी हो न तुम
बस इसीलिए...
और बस वही सब
तुम ऐसी लगती हो
वैसी लगती हो
फलाना तुमसे सुंदर नही है
ढिमाका तमसे बेहतर नही है
तुममे ये ख़ूबी है
ये ख़ामी है
और ख़ामी भी मुझे पसंद है
अरे ! ...
वही तवज़्ज़ो, तारीफ़ वाली बातें
वही ...जो सब लिखते हैं
या लिखते होंगे
फ़िर नही लिखा
कुछ नही लिखा
कुछ भी नही लिखा
शायद ज़रूरत नही है
फ़र्ज़ी ये सब लिखने की
अच्छी लगती हो तो लगती हो
प्यार है तो है
बस ...
और क्या ...!!
#free_style_poetry