"ये उस बन्दे को बोल रहा हूँ
जिसने मुझसे टिप्स ली और मुझे ही अब सीखा रहा है
उसे में बस इतना ही कहना चाहूंगा ।
" जिस जमीन से तुमने कदम उठाए है
उस जमीन पर हम दौड़ लगा चुके है"
और बेटा इतना उछल मत
यहाँ बारिशें भी होगी
मौसम भी बदलेगा
और आगे चल
तुझे भीड़ भी मिलेगी
माहौल भी बदलेगा
और तेरे ओर मेरे जैसे लाखो है
इस दुनिया मे
मत कर इतना गुरूर अपनी
इन बातों पर
जमीन पर रहना सीखले
वरना प्रतिक के अंदर का जानवर भी निकलेगा।
प्रतिक गुप्ता"