12 दिन का मेला है जनाब
जिसमें दूर के रिश्तेदार भी आते हैं
वो भी झूठी हमदर्दी के साथ
13 वे दिन तो टाटा बाय बाय
14 वे दिन जो घर में सन्नाटा होता है
वो हकीकत है
जहां पर चींखें सुनाई देती है
पर कोई नहीं होता
सिर्फ रहती है तो
दीवारें, यादें और बातें
©Pankaj R Soni Churu
#lonely