जो लड़ा जंग के मैदान पर वही शाहिद हुवा" लेकिन जो ल | हिंदी विचार

"जो लड़ा जंग के मैदान पर वही शाहिद हुवा" लेकिन जो लडा ही नही वह पहले ही गया सम्मान के इस लड़ाई में अपमान भी होगा लेकिन जो अपने नजरो से गिरेगा वह आत्म सम्मान से भी गया बेसरामो के इस बस्ती में अब हमने तो ठान ली है तन पर रहे ना एक भी कपड़ा लेकिन इज्जत हमे अपनी बचानी है ©Govind kumar Patel"

 जो लड़ा जंग के मैदान पर वही शाहिद हुवा"
लेकिन जो लडा ही नही वह पहले ही गया

सम्मान के इस लड़ाई में अपमान भी होगा
लेकिन जो अपने नजरो से गिरेगा वह आत्म सम्मान 
से भी गया
बेसरामो के इस बस्ती में अब हमने तो ठान ली है
तन पर रहे ना एक भी कपड़ा लेकिन इज्जत हमे
अपनी बचानी है

©Govind kumar Patel

जो लड़ा जंग के मैदान पर वही शाहिद हुवा" लेकिन जो लडा ही नही वह पहले ही गया सम्मान के इस लड़ाई में अपमान भी होगा लेकिन जो अपने नजरो से गिरेगा वह आत्म सम्मान से भी गया बेसरामो के इस बस्ती में अब हमने तो ठान ली है तन पर रहे ना एक भी कपड़ा लेकिन इज्जत हमे अपनी बचानी है ©Govind kumar Patel

#shahididiwas

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