दुवा हैं कि तेरी मोहब्बत के सिवा कोई न मिलो ज़िंदग | हिंदी शायरी

"दुवा हैं कि तेरी मोहब्बत के सिवा कोई न मिलो ज़िंदगी में सिरप to मिले ya ज़िंदगी ही न मिले ©Satish Singh"

 दुवा हैं कि तेरी मोहब्बत के सिवा कोई न मिलो ज़िंदगी में सिरप to मिले ya ज़िंदगी ही न मिले

©Satish Singh

दुवा हैं कि तेरी मोहब्बत के सिवा कोई न मिलो ज़िंदगी में सिरप to मिले ya ज़िंदगी ही न मिले ©Satish Singh

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