नूर । चांदनी रात में , हाथो में लिए हम तुम्हे ब | हिंदी शायरी
"नूर ।
चांदनी रात में , हाथो में लिए हम तुम्हे
बस यूही ताकते रहे , जैसे कोइ खुदाया नूर हो।
ऐसी बला की खूबसूरत की फरिश्ते ब तुम्हारे आगे मजबूर हो ।
पड़ते पड़ते हम , तुम्ही में डूब जाए , ऐसा कोई कसूर हो।"
नूर ।
चांदनी रात में , हाथो में लिए हम तुम्हे
बस यूही ताकते रहे , जैसे कोइ खुदाया नूर हो।
ऐसी बला की खूबसूरत की फरिश्ते ब तुम्हारे आगे मजबूर हो ।
पड़ते पड़ते हम , तुम्ही में डूब जाए , ऐसा कोई कसूर हो।