मैंने तो समता सौंपी थी,
तुमने फर्क व्यवस्था कर दी,
मैंने न्याय व्यवस्था सौंपी थी,
तुमने व्यवस्था नर्क करी,
मंजिलें सारी थैली कर डाली,
गंगा भी मैली कर डाली,
शांति व्यवस्था तो हास्य हुई,
झूठी बातें ही भाष्य हुई,
अहिंसा क्यों आज वनवासी है,
कायरता के घर पर दासी,
न्याय व्यवस्था आज रोती है,
गूंडों के घर में होती है,
आज राजा प्यादों से डरता हैं,
सहमा सहमा सा चलता है,
मुझको भी मिलती गाली है,
डाकू को मिलती ताली है,
चलन भयंकर आपराधिक हुआ है,
मेरा भी अपहरण हुआ है,
मैंने भी गोली खाई है,
मैंने भी आघात सहा है,
जागो मेरे प्यारे बच्चों,
जागो देश के नौजवानों,
जटायु सा मैं घायल हूं,
अपनी नसें टटोल रहा हूं,
मैं तुम्हारा वही गांधी हूं,
लाल किले से बोल रहा हूं।
©Shreya Shukla
#GandhiJayanti2020