White कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७
तू कर्म को प्रधान मान और चल दे अपनी राह पर,
संघर्ष तेरा कर्म पर हो तू फल की ना कोई चाह कर ।
तू कर्म को प्रबल बना खुद को उसमें झोंककर ,
मिलेगी तुझको ही विजय तू कर्म पर विश्वास कर।
कर्म से ही तेरी भाग्य का निर्माण होगा ,
आज जिसकी चाह है तुझको कल वो तेरे पास होगा ।
-Amod Jaiswal
©Amod Kumar Jaiswal
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