"इश्क के बदले में भीख की तरह
वो मोहब्बत दे रहे हैं।
हमें इश्क़ में पागल बताकर वो
महफ़िलों में बेबाक हंस रहे हैं।।
कहते हैं न जाने क्या-क्या कहता है?
कभी कहता मैं शायर हूं,
कभी कहता मैं आशिक हूं?
मेरे बारे एक लफ्ज़ ना सुनने वाले ही,
अपने लफ्ज़ो से तार-तार कर रहे हैं।
-----dj shayar
©DHANANJAY PANDEY
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