नीला आसमान
वो काला बादल,
क्या याद है तुम्हे
वो सावन..।
दो दिल
दो बदन,
हज़ारों बारिश की बुंदें
और एक छाता,
क्या याद है तुम्हें
वो सावन..।
पागल था मैं
पागल था मैं,
कि तुम्हें अपना समझ बैठा
तुम्हारी मंज़िल थी कहीं और,
और मैं, तुम्हें अपनी मंज़िल समझ बैठा..।
hpB)..
पागल था मैं...hpB)..