वो,धरा है अद्भुत धरा,
राम जी ने संग सिया के, पांव धरा
जीवन के अनमोल पावन क्षण यहां बिताए
ये धरा पावन है साक्षी है राम जी के जीवन काल की
आज भी चित्रकूट में राम जी के पैरों के निशान हैं
हवा, मिट्टी, आग ,पानी हर कण में राम समाए है
14 बरस वन मे में बिताए हैं
कुछ पल दिन महीनों के दुख से ए दोस्त तू क्यों घबराए है।
©arvind bhanwra ambala. India
चित्रकूट