White तुमने तो मेरी बात ना सुनी,
मैं कुछ लेकर आया हूं।
मेरे हमसफर तेरे लिए,,
मैं चांद चुराकर लाया हूं।।
तुम तो मेरी उम्र के लिए,
बिन पानी रह जाती हो,,
भूखी प्यासी देह से मेरे,
कंठ को तर कर जाती हो,,
एक छोटे करवे का पानी,
तुमको तृप्त कर देता हैं,
पर मेरे मन को तेरा त्याग,
क्षण भर में हर लेता है,,
मैं कर्ज चुका ना पाऊंगा,
फिर भी कुछ देने आया हूं।
मेरे हमसफर तेरे लिए,,
मैं चांद चुराकर लाया हूं।।
©Satish Kumar Meena
#मैं चांद चुराकर लाया हूं