"भारत की कुछ यादें भूली,
आज सँजोह कर लाई हूँ
बाद आज़ादी के भारत को,
लिख अपनी कलमसे लाई हूँ....
©✍🏻Poonam Bagadia "Punit"
"गहन अंधकार, 200 साल के,बाद वो दिन आया था
नया सवेरा आज़ादी का,बन जुनून भारत पर छाया था
15 अगस्त 1945 आज़ादी की आग़ोश में वो फिर मुस्काया था
हुआ शाहिद जो हर एक वीर खड़ा गगन में हर्षाया था
पर मुस्कान अभी खिल न पाई थी
सांसे आज़ादी की जी भी न पाई थी
विभाजन के दंश ने देखो पीर हृदय में कहीँ जगाया था
लड़े आज़ादी के लिए जो, आज भारतीय, वो क्यों पाकिस्तानी कहलाया था