White गीत :-
मातु-पिता के रूप में , मिले मुझे भगवान ।
करता जिनकी चाकरी , बनकर मैं संतान ।।
जीवन मेरा धन्य है , स्वप्न सभी साकार ।
जीने का मुझको मिला , एक नया आधार ।।
अब तो आठों याम मैं, करता हूँ गुणगान ।
करता जिनकी चाकरी , बनकर मैं संतान ।।
मन मेरा गद-गद रहे , पाकर ऐसा धाम ।
जहाँ राम मेरे पिता , मातु जानकी नाम ।।
ऐसे चरणों ने मुझे , बना दिया इंसान ।
करता जिनकी चाकरी, बनकर मैं संतान ।।
अब तो जीवन का यही , मेरे है संकल्प ।
जितनी भी सेवा करूँ , लगे मुझे अब अल्प ।।
क्या माँगूं मैं आपसे , क्या दो अब वरदान ।
करता जिनकी चाकरी , बनकर मैं संतान ।।
मातु-पिता के रूप में , मिले मुझे भगवान ।
करता जिनकी चाकरी , बनकर मैं संतान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :-
मातु-पिता के रूप में , मिले मुझे भगवान ।
करता जिनकी चाकरी , बनकर मैं संतान ।।
जीवन मेरा धन्य है , स्वप्न सभी साकार ।
जीने का मुझको मिला , एक नया आधार ।।
अब तो आठों याम मैं, करता हूँ गुणगान ।
करता जिनकी चाकरी , बनकर मैं संतान ।।