बारिश में रख देता हूँ ज़िन्दगी को... ताकि धूल जाएं | हिंदी Shayari

"बारिश में रख देता हूँ ज़िन्दगी को... ताकि धूल जाएं पन्नों की स्याही ! तकदीर को फिर से लिखने का बहुत मन करता हैं, कभी कभी !! . ©Parveen kaushik 'Jaani'"

 बारिश में रख देता हूँ ज़िन्दगी को... ताकि धूल जाएं पन्नों की स्याही !

तकदीर को फिर से लिखने का बहुत मन करता हैं, कभी कभी !!







                                                                               .

©Parveen kaushik 'Jaani'

बारिश में रख देता हूँ ज़िन्दगी को... ताकि धूल जाएं पन्नों की स्याही ! तकदीर को फिर से लिखने का बहुत मन करता हैं, कभी कभी !! . ©Parveen kaushik 'Jaani'

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