उम्मीदों का कारवां, हाथों से रेत सा फिसल जाता हैं | हिंदी कविता Video

"उम्मीदों का कारवां, हाथों से रेत सा फिसल जाता हैं, तब मेरे जज़्बातों का हुजूम आंसू के रूप में बाहर आता हैं। ©jyoti gurjar "

उम्मीदों का कारवां, हाथों से रेत सा फिसल जाता हैं, तब मेरे जज़्बातों का हुजूम आंसू के रूप में बाहर आता हैं। ©jyoti gurjar

#PhisaltaSamay
#रेत
#Nojoto
#Poetry
#poetry_addicts

People who shared love close

More like this

Trending Topic