कविता याद
तेरी यादों का जनाजा उठाया नहीं जाता
फिर भी दिल से तुम्हें भुलाया नहीं जाता
समझा लेता हूं दिल कि कुछ इस तरह से
जानबूझकर तो इस दिल को रुलाया नहीं जाता
यह तो मुझे भी मालूम नहीं है क्या हो गया है मुझे
हर रोज दिल को यूं बहकाया नहीं जाता
आखिर कब तक जिऊंगा तेरी यादों के सहारे
मरने से पहले खुद को दफनाया नहीं जाता
बहुत कोशिश की तुम्हें भुलाने की ए दोस्त
हर कोशिश नाकामयाब रही तुम्हें भुलाया नहीं जाता
मेरे हर सांस में है याद तेरी
वजूद तो चला जाता है लेकिन सांसो को चिता में जलाया नहीं जाता
✍️Punishment Abhimanyu
yaad
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