किसी की ज़िंदगी में आयना बन जाना बिल्कुल भी आसान नहीं होता
सुनने में कड़वा हैं ना सच,यूं जल्दी से परवान नहीं होता
कमियां दिखानी पड़ती हैं
सिर्फ जिस्मानी नहीं, किरदार की कमियां
अपने हाथों से पोंछनी पड़ती हैं
उनकी आंखों से बहती नमियां
नाराज़गी भी झेलनी पड़ती है,आयना कभी झूठ नहीं बोलता ना
पर सच्चा दोस्त भी तो यही है,कभी साथ नहीं छोड़ता ना
हां थोड़ा सख़्त मिजाज़ का है,पर फरेबी बिल्कुल नहीं
झूठी तारीफें तो मिल ही जाती हैं ना अक्सर यहीं कहीं
पर कितने लोग हैं जो सिर्फ सच बताते हैं
ख्वाबों में नहीं, हक़ीक़त में ज़िंदगी जीना सिखाते हैं
पर हक़ीक़त से तों हमेशा हमने नज़रें चुराई हैं ना
ऐब और कमियां अभी तक हमारे अंदर समाई हैं ना
गौर ही कब किया,ना कोई गौर करवाने वाला था
उससे तो नफ़रत करते रहे ना,जो असलियत दिखाने वाला था
तो मशवरा कुछ यूं है कि दोस्त हों तो आयने जैसे
किसी के दोस्त बनो तो हाथ दाइने जैसे
तो सिर्फ असलियत दिखाओ
और सिर्फ असलियत बताओ
क्यूंकि आयना कभी झूठ नहीं बोलता
यहीं तो है वो सच्चा दोस्त,जो कभी साथ नहीं छोड़ता
#Shayarmani
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