"वो मुस्कुराते रहे और हम उन्हें देखते रह गए
मुद्दतों बाद हाथ छुआ उसने, हाथ मेरे काँपते रह गए
मेहँदी लगाकर आयी थी वो हमसे मिलने
रात भर चेहरे से उनकी जुल्फे हटाते रह गए
उन दिनों जो देने थे फूल कभी तुम्हें
किताबों में छुपे सिर्फ सूखते रह गए|
देखने वालो ने न जाने क्या-क्या देखा होगा
हम तो बस तुम्हारे आँखों को देखते रह गए
चूड़ियाँ तोड़ी, कंगन तोड़े, झूमके भी फेके तुमने
हम बस सारी रात तुम्हारे आँसू पोंछते रह गए||"