भूत, भविष्य, आज भी तुम हो,
हर प्राणी की सांस भी तुम हो,
हैं श्रष्टि के आयाम तुम्ही से,
और वो ऊपर आकाश भी तुम हो,
है कृपा मैं तुमको भज पाता हूं,
मेरी ये आवाज़ भी तुम हो,
ज़मीं पे चलना मुमकिन तुमसे,
नभचर की परवाज़ भी तुम हो,
हो व्यापक तुम कुछ इस तरह से,
दूर भी तुम हो, पास भी तुम हो,
©Akshay Goswami
happy janmashtmi everyone।।।।
#janmaashtami