उम्मीद ना छोड़ो यें शाम क़भी ख़ुशनुमा भी होगी, ये | हिंदी Shayari

"उम्मीद ना छोड़ो यें शाम क़भी ख़ुशनुमा भी होगी, यें ज़ो डूब रहाँ हैं ईसी से कल रौशनी भी होगी... ©MaxVaghela"

 उम्मीद ना छोड़ो यें शाम क़भी ख़ुशनुमा भी होगी,

यें ज़ो डूब रहाँ हैं ईसी से कल रौशनी भी होगी...

©MaxVaghela

उम्मीद ना छोड़ो यें शाम क़भी ख़ुशनुमा भी होगी, यें ज़ो डूब रहाँ हैं ईसी से कल रौशनी भी होगी... ©MaxVaghela

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