White ताटंक छंद नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृ | हिंदी Poetry

"White ताटंक छंद नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृपा तब पाता है। प्रभु ऐसे भक्तों से मिलने, खुद चलकर के आता है।। भाव भक्ति में जब आता है, इष्ट सखा बन जाता है। किसी और पर भक्त नहीं बस, प्रभु आश्रित हो जाता है।। 'शौक' अनोखा खेल अनोखा, प्रभु से अपना नाता है। यही मान जो जिये जगत में, प्रभु का प्रिय हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena"

 White ताटंक छंद 

नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृपा तब पाता है।
प्रभु ऐसे भक्तों से मिलने, खुद चलकर के आता है।।
भाव भक्ति में जब आता है, इष्ट सखा बन जाता है।
किसी और पर भक्त नहीं बस, प्रभु आश्रित हो जाता है।।
'शौक' अनोखा खेल अनोखा, प्रभु से अपना नाता है।
यही मान जो जिये जगत में, प्रभु का प्रिय हो जाता है।।

©Shiv Narayan Saxena

White ताटंक छंद नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृपा तब पाता है। प्रभु ऐसे भक्तों से मिलने, खुद चलकर के आता है।। भाव भक्ति में जब आता है, इष्ट सखा बन जाता है। किसी और पर भक्त नहीं बस, प्रभु आश्रित हो जाता है।। 'शौक' अनोखा खेल अनोखा, प्रभु से अपना नाता है। यही मान जो जिये जगत में, प्रभु का प्रिय हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena

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