"अपनी सोच को इतनी उचा रखे
की आपके सम्मान को तर्क भी शर्मा जाये
और दिल को इतना बड़ा करे
की सारी दुनिया उस में समां जाये
क्यो की प्रेम और दया पर साडी दुनिया कायम है"
अपनी सोच को इतनी उचा रखे
की आपके सम्मान को तर्क भी शर्मा जाये
और दिल को इतना बड़ा करे
की सारी दुनिया उस में समां जाये
क्यो की प्रेम और दया पर साडी दुनिया कायम है