White ग़रीबी में कोई साथ नहीं देता
ग़रीबी में कोई अपना नहीं होता,
हर रिश्ता बस दिखावा सा होता।
जिनसे उम्मीदें थीं सहारे की,
वही हाथ छुड़ा लेते हैं किनारे की।
जिस घर में खुशियों का बसेरा था,
आज वहां सन्नाटा गहरा था।
दौलत की चमक सबको लुभा गई,
ग़रीबी की परछाई भी डरा गई।
मत गिर हौसले से, ये दौर भी बदलेगा,
तेरी मेहनत का सूरज फिर निकलेगा।
जो आज अकेला है तू इस ग़रीबी में,
कल तेरी जीत का झंडा लहराएगा दुनिया में।
©shayari duniya
#good_night