इस भागदौड़ की जिंदगी में थोड़ा वक्त खुद के लिए भी निकाल लिया करो ,
आईने के सामने खड़े होकर खुद को संवार लिया करो,
सबकी जरूरतें पूरी होती रहेगी कभी खुद से भी सवाल किया करो,
क्या चाहिए था ? क्या मिला ? तुमने खुद को किस मोड़ पे ला खड़ा किया ?
अपना पसंदीदा काम किए तुम्हे कितना वक्त हो गया?जिस दोस्तों से हर रोज मिलते थे उनसे मिले कितना वक्त हो गया ?
चाहे कितना भी किया मैंने किसी के लिए कोई कभी खुश नहीं हुआ ।
दिया जो थोड़ा वक्त खुद को कुछ अच्छा सा महसूस हुआ ।
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