Part 5 ...
फिर उसने परिंदे से पूछा " क्या तुम्हारी अपनी भी इच्छाएं हैं या बस तुम दूसरों के लिए ही जी रहे हो ? "
शख्स कहता है कि तुम मेरे साथ चलो । वह उसे लेकर चला जाता है उसकी देखभाल करता है उसे दाना खिलाता है दोनों बड़े खुश रहते हैं परिंदा भी धीरे धीरे ठीक हो जाता है।
परिंदे को लगता है कि यह शख्स ही उसका भला चाहता है वह उसे ही अपना स्वामी मान लेता है और उसपर यकीन करने लगता है।
फिर एक दिन वह शख्स परिंदे को दिखाई नहीं देता ऐसे ही कुछ दिन बीत जाते हैं उसे दाना खिलाने वाला भी कोई नहीं था।
परिंदा फिर से भूख से मरने लगता है।
भोजन की खोज में वह उड़ने का प्रयास करता है और गिर जाता है। जब वह ..... Continue...
©Anand Kushwaha
#परिंदा