मर्ज कुछ और था
और हकीम कुछ
और बताते रहे,,,
अपने थे इसलिए
कुछ ज्यादा ही
सताते रहे,,,,,,,,,,
जब हमें बेहद कमी
थी उनको,, नहीं आए
अपनी मर्जी से वो
जाते,आते रहे,,,,,,,,,
हम कुछ भी नहीं
उनके लिए,,,,,,,,,,,
हर बात बात पर
जताते रहे,,,,,,,,,,
मर्ज कुछ और था
हकीम कुछ और ही
बताते रहे,,,,,
🚶Awara अम्बर
©Awara अम्बर ,M