White यूं राजे दिल बताने की ज़रूरत क्या है,
खुली किताब बन जाने की ज़रूरत क्या है।
तेरे अश्कों से किसी को फ़र्क न पड़ता,
फिर यूं दर्द सुनाने की ज़रूरत क्या है।
जिनके सिर पर ग़ुरूर चढ़ कर बोले,
दिल उनसे लगाने की ज़रूरत क्या है।
घर के मसलों को घर में रखना बेहतर,
भला अख़बार छपाने की ज़रूरत क्या है।
चुप रहते रीनू कुछ रिश्तों की मजबूरी है,
अर्श सिर पे उठाने की ज़रूरत क्या है।
रीनू
©Reenu Sharma
#alone