मुमकिन है सफ़र हो आसान, अब साथ भी चल कर देखें
कुछ तुम भी बदल कर देखो, कुछ हम भी बदल कर देखें..
दो-चार कदम हर रस्ता, पहले की तरह लगता है
शायद कोई मंज़र बदले, कुछ दूर तो चल कर देखें..
झूठा ही सही ये रिश्ता, मिलते ही रहे हम यूँ ही
हालात नहीं बदलें , चेहरे ही बदल कर देखें..
सूरज की तपिश भी देखी, शोलों की कशिश भी देखी
अबके जो घटाएं छायें, बरसात में जल कर देखें..
अब वक़्त बचा है कितना, जो और लड़ें दुनिया से
दुनिया की नसीहत पर भी थोडा सा अमल कर देखें..
©Alien
Untold Alfaaz 5
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