कोई नहीं था साथ मेरे,
जब मैंने सफर में चलना शुरू किया।
कदम बढ़ाता रहा धीरे-धीरे गिरता रहा
संभलता रहा जख्मों को अनदेखा करना मेने शुरू किया।
और रात हुई अंधेरा हुआ सूरज के साथ निकलना शुरू किया।
और वने तब मजबूत और हम भरोसे मंद
ब्यक्तियो से धोखा खाना शुरू किया।
©yamraj shing
jab mene safer me chalna suru kiya yamraj