लहरों को साहिल की दरकार नही होती,  हौसलें बुलंद हो | हिंदी शायरी

"लहरों को साहिल की दरकार नही होती,  हौसलें बुलंद हो तो कोई दीवार नही होती  जलते हुए चिराग ने आँधियों से ये कहा,  उजाला देने वालों की कभी हार नही होती. ©Mr.shayar "

लहरों को साहिल की दरकार नही होती,  हौसलें बुलंद हो तो कोई दीवार नही होती  जलते हुए चिराग ने आँधियों से ये कहा,  उजाला देने वालों की कभी हार नही होती. ©Mr.shayar

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