जीवन जीने की कला मात्र कृष्ण हैं
विश्व का कल्याण मात्र कृष्ण हैं
धर्म अनेक हैं पर देव सबके कृष्ण हैं
गुरु सबके हैं पर विश्वगुरु तो कृष्ण हैं
बंसी अनेक है किंतु राग सिर्फ कृष्ण हैं
प्रेमी अनेक हैं पर राधा के सिर्फ कृष्ण हैं
रंग तो अनेक हैं पर जो श्याम है वो कृष्ण हैं
रूप हैं अनेक पर हर रूप में जो बसे वो कृष्ण हैं
आत्मा हैं अनेक परमात्मा सिर्फ कृष्ण हैं
किरदार हैं अनेक पर सार सबके कृष्ण हैं
©Himanshu Srivastava
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