मीरा की पीर को दुनिया नहीं देख पाई। क्या तुम्हारा | हिंदी Shayari

"मीरा की पीर को दुनिया नहीं देख पाई। क्या तुम्हारा दर्द देख पाएगी। शरीर के ज़ख्म तो डाक्टर देख ले मन के जख्म आत्मा किसको दिखाएगी ©SHIVAM TOMAR "सागर""

 मीरा की पीर को दुनिया नहीं देख पाई।

क्या तुम्हारा दर्द देख पाएगी।
 

 शरीर  के ज़ख्म तो डाक्टर देख ले 

मन के जख्म आत्मा किसको दिखाएगी

©SHIVAM TOMAR "सागर"

मीरा की पीर को दुनिया नहीं देख पाई। क्या तुम्हारा दर्द देख पाएगी। शरीर के ज़ख्म तो डाक्टर देख ले मन के जख्म आत्मा किसको दिखाएगी ©SHIVAM TOMAR "सागर"

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