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कभी तनहाई हमें नहीं सताती क्योंकि अकेले पन से ईश् | हिंदी Motivation

"कभी तनहाई हमें नहीं सताती क्योंकि अकेले पन से ईश्क हो गया है ये एकांत माहौल बेचैनी नहीं सुकून देता है मानो ग्रीष्मऋतु में एक पथिक को बरगद के नीचे बैठ कर आराम मिला हो। थोड़े विश्राम के बाद राहगीर चल पड़ा मंजिल की ओर। जय श्री गोपाल जी ©Radhe Radhe"

 कभी तनहाई हमें नहीं सताती 
क्योंकि अकेले पन से ईश्क हो गया है 
ये एकांत माहौल बेचैनी नहीं सुकून देता है
मानो ग्रीष्मऋतु में एक पथिक को बरगद के नीचे बैठ कर आराम मिला हो। 
थोड़े विश्राम के बाद राहगीर चल पड़ा मंजिल की ओर। 
जय श्री गोपाल जी

©Radhe Radhe

कभी तनहाई हमें नहीं सताती क्योंकि अकेले पन से ईश्क हो गया है ये एकांत माहौल बेचैनी नहीं सुकून देता है मानो ग्रीष्मऋतु में एक पथिक को बरगद के नीचे बैठ कर आराम मिला हो। थोड़े विश्राम के बाद राहगीर चल पड़ा मंजिल की ओर। जय श्री गोपाल जी ©Radhe Radhe

राहगीर

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