खूबसूरत राहें मुकम्मल होते ही खत्म हो जाती हैं
इसलिये हम अधूरे ही रहना चाहते हैं
सबकुछ जान लेने ख्वाहिश खुदा थोडी़ बना देगी
बेशकीमती नगीना तो ये जिंदगी है जिसे मैं सम्भालकर रखना चाहता हूं
एंग्जाइटी,डीप्रेशन,टेंशन सब है मुझे लेकिन फिर भी मैं अपनी मौज में जी रहा हूं
इसे ही तजुर्बा कहते हैं जो खुश रहना सिखा देता है खुदा का लाख लाख शुक्र है
©Ayush kumar gautam