तेरा शहर बहुत खूबसूरत है हां..
मुरखनादान यह पागल मुरख है हां..
तुझे फिक्र नहीं है मेरी
मुझे फिर भी तेरी जरूरत है हां..
बैपनहा यह मोहब्बत बैकार की है क्या..
या तेरी नजरो में कदर मेरे प्यार की है क्या..
या है तुझे मुझसे भी प्यारा कोई
या फिर तेरी नजरो में कहीं इंतजार भी है क्या..
मुझे समझ नही आता कुछ भी बिना तेरे..
पता नही तेरे दिल में
मेरी कदर आज भी है क्या...!
©मुरखनादान
तेरा शहर तेरी यादें