(सावन)
झूमो, नाचो, गाओ आया सावन हे प्यारे
नाच रहे है मोर भी बगियो मे पंख पसारेll
घनगौर घटाओ से गगन भरा हे
हरि भरी हरियाली से पटी धरा है l l
डाल डाल पर पड़ गए सावन के झूले हे
सृष्टि सारी खुशियो के मारे फुले है l
दौड़ रही नदिया तालाब छलक ने लगे है
चारों तरफ़ मन मोहक नजारे दिखने लगे है l
जग मग हो उठी संध्या गीत भजन फंकारो से
गूंज उठे शिवालय बम भोले के जयकारों से लll
कई रिम झिम, कई बोछारे बड़े मनभावक हे नजारे
झूमो, नाचो, गाओ आया सावन है प्यारे l
©Chandrashekhar Rathor
aya savan