White मैं सोचु तो क्या
यह रात हैं तो रात ढल जायेगी,
सबेरा हैं तो यह सबेरा फिर निकल जायेगी,
राह चले है हम कुछ इस कदर ,
जैसे की कुछ तकलीफे है हमारी
दिन - प्रतिदीन मै सोच मे डूबा हर बात अपनी सारी,
क्या कहूँ मैं खुद से बात हमारी!
Pankaj mahato
27/05/24
©Pankaj K Mahto
क्या मै सोचु#