कैसी ये खलिश कैसा ख़ुमार है, कैसी ये चाहत कैसा प्य | हिंदी Love

"कैसी ये खलिश कैसा ख़ुमार है, कैसी ये चाहत कैसा प्यार है, दिल ने तो तोड़ दी आस उसके आने की, पर दृगों को मेरी अब भी इंतजार है। shyam ji shukla"

 कैसी ये खलिश  कैसा ख़ुमार है, कैसी ये चाहत
कैसा प्यार है,
दिल ने तो तोड़ दी 
आस उसके आने की,
पर दृगों को मेरी 
अब भी इंतजार है।
shyam ji shukla

कैसी ये खलिश कैसा ख़ुमार है, कैसी ये चाहत कैसा प्यार है, दिल ने तो तोड़ दी आस उसके आने की, पर दृगों को मेरी अब भी इंतजार है। shyam ji shukla

अब भी इंतजार है...

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