"यह एक क्रिया चरित्र की कहानी है एक राज्य में पति-पत्नी का जोड़ा रहता था पति प्रदेश में रहता था पत्नी घर पर रहती थी और पत्नी एक बाबा की सेवा करती थी पत्नी को बाबा से प्यार हो गया और वह दोनों एक दूसरे से सेवा में पानी से मिलते रहे एक दिन पति आ गया घर पर तो पत्नी शाम को रात में जा नहीं पी लेते हो गई उसको खाना ना खिलाया सुलाया उसके बाद जब मौका मिला पहुंची तो बाबा बोला की इतना लेट क्यों आई पत्नी बोलती है बाबा जी आज मेरे पति घर पर आ गए हैं इसके लिए मैं लेट हो गई बाबा बोलता है कि आप मुझे चाहती हो कीपति को चाहती हो पत्नी बोली बाबा मैं आपको चाहती हूं तो जा पहले अपने पति का सर काट मिला उसके बाद में यहां आना पत्नी जाती है वापस औरत और अपने पति का असर कार्ड के बाबा के पास वापस पहुंचती है बाबा ने जैसे दरवाजा खोल दी देखा है तो उसको बहुत मारता है और वहां से भगा देता आप बोलो उसको बोलकर कि आप जब पति की नहीं हो तो मेरी क्या होगी वह घर में आ जाती है उसके बाद में पति का असर रख कर सो जाती है सुबह उठती है और रोने लगती है क्या है मेरे पति को कोई सरकार गया और सब गांव वालों को बोलता है फिर बोलती है कि मैं तो पति के साथ सती होने जा रही हूं तो राजा को यह सब राजा ऊपर चित्र साड़ी से देख रहे थे सब मालूम था राजा ने यह बोल सैनिक भेजा बोला पूछो सती महारानी से की तिरिया चरित्र क्या होता है तो सैनिक पहुंचे वहां बोल राजा ने आपको बुलाया और बोला है तुझे क्या होता है बोल राजा को बोल दो मेरे पास टाइम नहीं है उनको जानना है तो स्वयं हुआ है राजा स्वयं आते हैं तो बोलती है मेरी विद्या एक के नाम की सहेली है मेरे पास तो टाइम नहीं है सती होने का टाइम हो गया वह आपको तेरी यह चरित बता देगी और वह तो अपने जल की भस्म हो जाती है राजा पहुंचते हैं विद्या नाम की है उसकी शायरी के पास और बोलते हैं कि आपकी सहेली ने बोला कि आप बता देंगे तेरी चलता क्या होता है तो की एक बकरा ले आओ विद्या बोली और उसकी पूजा गुर्जर करके राजा कोष की लोक पर बिठा देता है सरकार के बकरे का बकरा उड़ जाता है अभी आवाज जंगल में ले जाता है राजा को वहां साथ परी रहती थी वह परियों को वरदान मिला था सिर्फ कट रही थी धरती पर तो वहां पर राजा चुपके से रहने लगता है एक दिन परियों को मालूम पड़ जाता की कोई आज छुपा है मेरा खाना खाता है और इन्होंने बोला कौन है क्या है वह धीरे-धीरे बोलना मैं बिकुआ हूं और नौकर बनकर काम करने लगता है सारा काम करता है उसके बाद धीरे-धीरे धीरे-धीरे परियों से प्यार हो जाता है अब तो परी उसको इतना चाहने लगी सातों मतलब राजा तो अपना राज व्हाट्सएप भूल गए परियों के चक्कर में एक दिन क्या होता है बहुत समय बी जाने के बाद याद आती है कि ऊपर जी बकरी से आए थे वह तो सब गया होगा ऊपर देखते हैं जाकर बकरा किलो ऐसी पड़ी हुई थी तो उसके ऊपर बैठते हैं तो वापस वह अपने राज्य में आ जाते हैं जैसे बैठते वैसे उड़द के आ जाती है राज में उनके फिर वह राजा को अपने राज बना कोई अच्छा लगता है ना रानी ना उसके बच्चे कोई भी अच्छा नहीं लगता है वापस भेज दिया के पास पहुंचते हैं बोलते हैं कि मेरे को जहां मर गया था वहीं पहुंचा दो वापस जितना धन दौलत राज व्हाट्सएप देने के लिए राजा तैयार हो जाता है तभी विद्या बोलती है कि यही होता है तेरी आचार्य जो आप पूछ रहे थेतो इसमें क्या है कि अगर कोई किसी से प्रेम करता है तो उसके आगे सब कुछ टीका लगता है यही मेरी सहेली ने किया उसने अपने पति का भी सर कटा क्योंकि वह उसकी प्रेम में बन चुकी थी जैसे आज आप प्रेम में परियों के बन गए हो आप अपने बच्चे अपना राज अपना रानी कुछ अच्छा नहीं लग रहा है इसी तरह उसका भी ऐसे ही हाल था तो इसे एक सीख मिलती है किसी से इतना प्यार करो जो ©Radhe Ji "
यह एक क्रिया चरित्र की कहानी है एक राज्य में पति-पत्नी का जोड़ा रहता था पति प्रदेश में रहता था पत्नी घर पर रहती थी और पत्नी एक बाबा की सेवा करती थी पत्नी को बाबा से प्यार हो गया और वह दोनों एक दूसरे से सेवा में पानी से मिलते रहे एक दिन पति आ गया घर पर तो पत्नी शाम को रात में जा नहीं पी लेते हो गई उसको खाना ना खिलाया सुलाया उसके बाद जब मौका मिला पहुंची तो बाबा बोला की इतना लेट क्यों आई पत्नी बोलती है बाबा जी आज मेरे पति घर पर आ गए हैं इसके लिए मैं लेट हो गई बाबा बोलता है कि आप मुझे चाहती हो कीपति को चाहती हो पत्नी बोली बाबा मैं आपको चाहती हूं तो जा पहले अपने पति का सर काट मिला उसके बाद में यहां आना पत्नी जाती है वापस औरत और अपने पति का असर कार्ड के बाबा के पास वापस पहुंचती है बाबा ने जैसे दरवाजा खोल दी देखा है तो उसको बहुत मारता है और वहां से भगा देता आप बोलो उसको बोलकर कि आप जब पति की नहीं हो तो मेरी क्या होगी वह घर में आ जाती है उसके बाद में पति का असर रख कर सो जाती है सुबह उठती है और रोने लगती है क्या है मेरे पति को कोई सरकार गया और सब गांव वालों को बोलता है फिर बोलती है कि मैं तो पति के साथ सती होने जा रही हूं तो राजा को यह सब राजा ऊपर चित्र साड़ी से देख रहे थे सब मालूम था राजा ने यह बोल सैनिक भेजा बोला पूछो सती महारानी से की तिरिया चरित्र क्या होता है तो सैनिक पहुंचे वहां बोल राजा ने आपको बुलाया और बोला है तुझे क्या होता है बोल राजा को बोल दो मेरे पास टाइम नहीं है उनको जानना है तो स्वयं हुआ है राजा स्वयं आते हैं तो बोलती है मेरी विद्या एक के नाम की सहेली है मेरे पास तो टाइम नहीं है सती होने का टाइम हो गया वह आपको तेरी यह चरित बता देगी और वह तो अपने जल की भस्म हो जाती है राजा पहुंचते हैं विद्या नाम की है उसकी शायरी के पास और बोलते हैं कि आपकी सहेली ने बोला कि आप बता देंगे तेरी चलता क्या होता है तो की एक बकरा ले आओ विद्या बोली और उसकी पूजा गुर्जर करके राजा कोष की लोक पर बिठा देता है सरकार के बकरे का बकरा उड़ जाता है अभी आवाज जंगल में ले जाता है राजा को वहां साथ परी रहती थी वह परियों को वरदान मिला था सिर्फ कट रही थी धरती पर तो वहां पर राजा चुपके से रहने लगता है एक दिन परियों को मालूम पड़ जाता की कोई आज छुपा है मेरा खाना खाता है और इन्होंने बोला कौन है क्या है वह धीरे-धीरे बोलना मैं बिकुआ हूं और नौकर बनकर काम करने लगता है सारा काम करता है उसके बाद धीरे-धीरे धीरे-धीरे परियों से प्यार हो जाता है अब तो परी उसको इतना चाहने लगी सातों मतलब राजा तो अपना राज व्हाट्सएप भूल गए परियों के चक्कर में एक दिन क्या होता है बहुत समय बी जाने के बाद याद आती है कि ऊपर जी बकरी से आए थे वह तो सब गया होगा ऊपर देखते हैं जाकर बकरा किलो ऐसी पड़ी हुई थी तो उसके ऊपर बैठते हैं तो वापस वह अपने राज्य में आ जाते हैं जैसे बैठते वैसे उड़द के आ जाती है राज में उनके फिर वह राजा को अपने राज बना कोई अच्छा लगता है ना रानी ना उसके बच्चे कोई भी अच्छा नहीं लगता है वापस भेज दिया के पास पहुंचते हैं बोलते हैं कि मेरे को जहां मर गया था वहीं पहुंचा दो वापस जितना धन दौलत राज व्हाट्सएप देने के लिए राजा तैयार हो जाता है तभी विद्या बोलती है कि यही होता है तेरी आचार्य जो आप पूछ रहे थेतो इसमें क्या है कि अगर कोई किसी से प्रेम करता है तो उसके आगे सब कुछ टीका लगता है यही मेरी सहेली ने किया उसने अपने पति का भी सर कटा क्योंकि वह उसकी प्रेम में बन चुकी थी जैसे आज आप प्रेम में परियों के बन गए हो आप अपने बच्चे अपना राज अपना रानी कुछ अच्छा नहीं लग रहा है इसी तरह उसका भी ऐसे ही हाल था तो इसे एक सीख मिलती है किसी से इतना प्यार करो जो ©Radhe Ji
अनमोल विचार
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