वतन परस्त
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कसम है हिन्दुस्तान की,हम रक्त नहीं बहायेंगे।
दुश्मन के सारे हथीयारों को,कलम से मार गिरायेंगे।
आवो हम सब मिलकरके एक साथ सौगंथ उठायें,
अपनी कलम कि ताकत से इतिहास नया लिख जायें।
वन्दे मात्रम्,वन्दे मात्रम्,वन्दे मात्रम् ।
©Surendra Kumar Kahar
वतन परस्त अधुरी कविता