रंग-ऐ-सोहबत नजारों में.. वो झीलों के किनारों पे... | हिंदी शायरी

"रंग-ऐ-सोहबत नजारों में.. वो झीलों के किनारों पे... गुल-ऐ-तमन्ना में है बैठा.. वो महकी सी फ़जाओं में.. वो महकी सी फजाओं में.. न बन अनजान...तू खोज उसे मोहब्बत का तकाज़ा है.. _नयन✍️ ©Nayan Chouhan"

 रंग-ऐ-सोहबत नजारों में.. वो झीलों के किनारों पे...
गुल-ऐ-तमन्ना में है बैठा..
वो  महकी सी फ़जाओं में..
वो महकी सी फजाओं में..

न बन अनजान...तू खोज उसे
मोहब्बत का तकाज़ा है..
                             _नयन✍️

©Nayan Chouhan

रंग-ऐ-सोहबत नजारों में.. वो झीलों के किनारों पे... गुल-ऐ-तमन्ना में है बैठा.. वो महकी सी फ़जाओं में.. वो महकी सी फजाओं में.. न बन अनजान...तू खोज उसे मोहब्बत का तकाज़ा है.. _नयन✍️ ©Nayan Chouhan

#sunlight

People who shared love close

More like this

Trending Topic