बक्सवाहा के जंगल सिर्फ पेड़ों का एक स्थल नहीं है, बल्कि यहां जिंदगी और संस्कृति दोनों का बसेरा है। वास्तव में इस जंगल में सिर्फ पेड़ नहीं है बल्कि यहां जिंदगी बसती है। हजारों परिवारों की आजीविका यहां के पेड़ों पर उगने वाली वनस्पति से चलती है तो दूसरी ओर जंगल पर तरह-तरह के वन्य प्राणी, जीव-जंतु पक्षी आश्रित हैं। जंगल के उजड़ने पर इन सभी का जीवन संकट में पड़ जाएगा जो सैकड़ों साल में तैयार की गई धरोहर कुछ सालों में नष्ट कर दी जाएगी। जंगल के जल स्रोत खत्म हो जाएंगे तो इस इलाके में जल संकट और गहरा जाएगा। वैसे ही यहां पानी का संकट किसी से छुपा नहीं है। कुल मिलाकर इस जंगल के नष्ट होने से ईको सिस्टम छिन्न भिन्न हो जाएगा।
अतः आप सभी से अपील है कि बक्सवाहा जंगल बचाने की मुहिम में शामिल होइए और आने वाली पीढ़ी को एक प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौगात दीजिये।
जय हिंद! जय भारत!
#savebuxwahaforest
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#I_Stand_With_Buxwaha